
नई दिल्ली: भारत में कई टेलीकॉम नेटवर्क द्वारा पॉर्न वेबसाइट बंद किए जाने के बाद यह मुद्दा गरमा गया है। इसे बैन करने वालों में JIO, Vodafone और Airtel जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं, लेकिन आखिर में ऐसा क्या हुआ कि इन टेलीकॉम कंपनियों को ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। चलिए आज हम इस पर चर्चा करते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 से 2017 के बीच भारत में 75% ऑनलाइन पॉर्न व्यूअरशिप में इजाफा हुआ है । इतना ही नहीं 60 फीसदी से ज्यादा का टाइम लोग पॉर्न साइट पर बिताते हैं। इसके अलावा 80 फीसदी एडल्ट कंटेंट शॉर्ट फॉर्म में देखा जाता है। दरअसल,JIO के आते ही सभी टेलीकॉम कंपनियों ने कम कीमत में डेटा देना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से इसमें इजाफा देखा जा रहा है। इस समय भारत में 1जीबी डाट की कीमत 5 रुपये से भी कम है। ऐसे में आसानी से फोन में किसी भी वीडियो को देखा जा सकता है।
यही वजह है कि भारत सरकार द्वारा इन साइट्स को बंद करने का निर्देश देना गलत नहीं माना जाएगा। एक तरह JIO, Vodafone और Airtel जैसे बड़ी कंपनियां सरकार के फैसले को मानते हुए अपने नेटवर्क पर इन साइट्स को बंद कर दिया है तो वहीं कई साइट्स अभी भी चाइनीज मोबाइल इंटरनेट कंपनी UCWeb’s UC ब्राउजर पर एक्सेसबल हैं। बात दें कि भारत नें ज्यादातर लोग चाइनीज मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं ऐसे में इन साइट्स को बैन करने के बाद भी ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा।
बता दें कि मुकेश अंबानी ने 2016 में जियो को लॉन्च किया था और इसके साथ ही जियो नेटवर्क की सर्विस तीन महीने के लिए फ्री कर दी थी ताकि यूजर्स अनलिमिटेड डेटा और कॉलिंग का इस्तेमाल कर सकें। जियो के इस कदम से अन्य टेलीकॉम कंपनियो ने भी अपने प्लान को सस्ता कर दिया। यही वजह है कि 2016 से 2017 के बीच पॉर्न साइट्स देखने वालों की संख्या में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है।
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