
नई दिल्ली: सदी के महानायक, बादशाह, शहंशाह और नाजाने कितने नामों से हम इन्हें जानते हैं। हम बात कर रहे हैं अमिताभ बच्चन की। 11 अक्टूबर 1942 को जन्मे अमिताभ का आज जन्मदिन है। उन्होंने इतना बड़ा मुकाम यूं ही हासिल नहीं किया है। इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय झलकता है। कहते हैं कि सोना बिना तपे कुंदन नहीं बनता। ऐसा ही कुछ अमिताभ बच्चन के साथ भी हुआ।

आवाज के लिए नकार दिया था
करियर के शुरुआती दिनों में अमिताभ के सामने वो दिन भी आया जब उनको उनकी आवाज को लेकर नकार दिया था। बात शुरुआती दौर की है, जब अमिताभ बच्चन ने आकाशवाणी में अनाउंसर पद के लिए आवेदन किया। लेकिन उन्हें उनकी आवाज के चलते यहां काम करने का मौका नहीं मिला। इस बात की चर्चा आज भी होती है कि जिस आवाज को उस वक्त नकारा गया था। आज उसी आवाज ने 'सिद्दी विनायक नमो नम' 'होली खिले रघुवीरा अवध में' जैसे कई गाने गए।

शुरुआत का वेतन महज 800 रुपये
इलाहाबद में अमिताभ बच्चन का जन्म हुआ। लेकिन उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कोलकत्ता से की। यहां वो बतौर सुपरवाइजर काम करते थे, जिसके लिए उन्हें 800 रुपये मासिक वेतन मिला करता था। लेकिन कहते हैं न कि आदमी का वक्त बदलते समय नहीं लगता। अमिताभ बच्चन के साथ भी ऐसा ही हुआ। साल 1968 में सुपरवाइजर की नौकरी छोड़ अमिताभ मुंबई पहुंचे। साल 1969 में अमिताभ बच्चन को पहली बार ख्वाजा अहमद अब्बाज की फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' में काम करने का मौका मिला। लेकिन ये फिल्म कुछ खास नहीं कर पाए। लेकिन इसके बाद उन्होंने जितनी भी फिल्में बनाई, उन्होंने दर्शकों के बीच एक अलग पहचान बनाई।
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