
सलमान खान प्रोडक्शन की फिल्म 'लवयात्री' से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली वरिना हुसैन अफगानिस्तान को अपना घर मानती हैं। काफी अफगानियों की तरह उन्हें भी हिंदी अच्छे से समझ में आती है। हाल ही में मीडिया से एक बातचीत के दौरान उन्होंने अफगानिस्तान में हिंदी फिल्मों के प्रभाव के बारे में कहा, 'मैं अफगानिस्तान में कुछ समय के लिए गई थी। जब हम वहां थे तो मेरी मां उन गिनी चुनी औरतों में से थी जिन्होंने ड्राइविंग करना शुरू किया। मेरी नानी पुराने समय की कहानियां बताती थीं कि पहले अफगानिस्तान कैसा था।'

अपने परिवार के बारे में बात करते हुए वरीना कहती हैं कि हर शुक्रवार को परिवार घर पर वीसीआर पर फिल्में देखा करते थे। हमारे यहां फैशन भी बॉलिवुड मूवीज से ही सीखा जाता था। आज भी लोग अफगानिस्तान में बेल बॉटम को अमिताभ बच्चन पैंट्स के नाम से जानते हैं।

अभिनेत्री आगे बताती हैं, 'मेरी नानी स्कर्ट पहन कर मेरे नाना के साथ बाइक पर घूमा करती थीं और म्यूजिक कॉन्सर्ट में भी जाती थीं। लेकिन बाद में सबकुछ बदल गया। एक समय, भारत में लोग मुझसे कहते थे कि मैं आतंकियों वाले देश से आई हूं लेकिन अब चीजें बदलने लगी हैं। अब लड़कियां कॉलेज और यूनिवर्सिटी जाने लगी हैं। अभी अफगान हेल्थ मिनिस्टर एक महिला हैं। हालांकि अभी तक हमारा सिनेमा डिवेलप नहीं हुआ है लेकिन म्यूजिक इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है।'

बताते चले कि वरीना की डेब्यू फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास करने में नाकामयाब साबित हुई। हालांकि फिल्म में आयुष शर्मा के साथ उनकी जोड़ी को पसंद किया गया।
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