
फिल्म 'विकी डोनर' और 'पीकू' को लिखने वाली जूही चतुर्वेदी का कहना है कि जब उन्होंने 'पीकू' में अमिताभ बच्चन की मौत का सीन लिखा था तो वो काफी रोई थी। पिछले दिनों उनकी लिखी फिल्म 'अक्टूबर' को काफी सराहा गया। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अमिताभ बच्चन और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म 'पीकू' से जुड़ी कई दिलचस्प बातें शेयर कीं।

आज तक से बातचीत के दौरान जूही ने कहा, 'पीकू लिखते समय जब भास्कर की डेथ हुई मैंने लिखा, एंड देन ही इज नो मोर। मैंने उस समय अपना लैपटॉप बंद किया और मैं इतना रोई कि कह नहीं सकती। जैसे मैंने किसी अपने को खो दिया हो। इस सीन के आगे मुझसे लिखा नहीं गया। करीब 10 दिन तक मैं उस मूड से बाहर ही नहीं निकल पा रही थी। जब मेरे पति ने नोटिस किया तो उन्होंने लिखा, इसे डिलीट कर दो। किसी को पढ़ाया नहीं है अभी तुमने। कहीं भेजा भी नहीं आपने। तुम सीन में हॉस्पिटल का प्लाट लेकर आओ। हमारी बहसें हुई। '

उन्होंने आगे बताया, 'मैं ऐसा नहीं कर सकती। जब तक आपकी अपनी राइटिंग आप पर असर न करे, तब तक किसी और को कैसे पसंद आ सकती है। कई बार हम हर चीज खुद के लिए नहीं लिखते। लिखने की जो प्रोसेस है उसमें सुख नहीं है। आपको तमाम चीजें बंद करनी पड़ती हैं। लेकिन फिर भी उन शब्दों, ख्यालों या कहानी की नब्ज होती है जो आपको जकड़ कर रखती है। ऐसी कहानी में उम्मीद होती है कि वो दर्शकों को पकड़ कर रखती है। '
जूही ने कहा, 'लखनऊ में थी तो मैं आर्ट्स कॉलेज में जाती थी। तब इतना था कि टाइम्स ऑफ़ इंडिया के लिए इलेस्ट्रेशन किया करती थी। कुछ ख्याल आते थे, लिख देती थी। कभी फिल्म लेखन के बारे में सोचा ही नहीं था। '
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