
पिछले कुछ समय से बॉलीवुड फिल्मों से विवादों का नाता कुछ बढ़ सा गया है। इस पूरे साल की बात करे तो 'पद्मावत' से शुरू हुआ विवाद 'लवयात्रि' और 'कैदारनाथ' से होता हुआ अब शाहरुख की फिल्म 'जीरो' तक पहुंच गया है। हाल ही में सिख समुदाय ने 'जीरो' के एक पोस्टर को लेकर विरोध दर्ज कराया है। पोस्टर में शाहरुख ने कृपाण धारण किया हुआ है। अब इसी पोस्टर पर सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (डीएसजीपीसी) और अन्य सिखों ने नाराजगी जाहिर की है।

सिख समुदाय के अनुसार, फिल्म के इस पोस्टर में शाहरुख नंगे शरीर पर नोटों का हार पहने हुए हैं साथ ही उन्होंने गले में मजाकिया ढंग से गातरा (कृपाण) भी पहना हुआ है। गौरतलब है कि कृपाण सिखों के पवित्र पांच ककारों में से एक है। इस मुद्दे पर डीएसजीपीसी के धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन परमजीत सिंह राणा ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने एक लेटर जारी करते हुए कहा, 'हाल ही में शाहरुख खान की फिल्म का पोस्टर सामने आया है, जिसमें वह कृपाण पहने हुए नजर आ रहे हैं, जो इसका मजाक उड़ाने के समान है।'

जनसत्ता की एक खबर के अनुसार राणा ने फिल्म निर्माताओं सहित शाहरुख खान को चेतावनी देते हुए कहा है कि 'वह जल्द से जल्द अपने इस पोस्टर को वापस लें। फिल्म से भी उन दृश्यों को हटाएं, जिनमें कृपाण का मजाक उड़ाया गया है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो फिल्म के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए इसकी रिलीज को रोका जाएगा। संकेत मिले रहे हैं कि कमेटी फिल्म निर्माताओं और शाहरुख को नोटिस जारी करने की तैयारी में भी है।'
परमजीत ने आगे कहा कि 'कृपाण सिखों का धार्मिक चिह्न है। यह केवल दिखाने मात्र के लिए नहीं है, बल्कि इनके साथ मानवीय भावनाएं और संकल्प भी जुड़े हुए हैं। यह एक प्रण है जिसके साथ आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को कायम रखते हुए गरीब-मजलूमों की रक्षा के लिए जुल्म के खिलाफ उठाने का संकल्प जुड़ा हुआ है। लेकिन फिल्मों में इस तरह धार्मिक चिन्हों का मजाक उड़ाना ट्रेंड सा बन गया है।'
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