![](https://new-img.patrika.com/upload/2018/06/27/ev_3017670-m.jpg)
नई दिल्ली: सरकार ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चलाना चाहती है, लेकिन सरकार के इस सपने को बड़ा झटका लगा है। दरअसल EESL (एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड) ने महिन्द्रा एंड महिन्देरा और टाटा की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को रिजेक्ट कर दिया है। इन वाहनों को इस्तेमाल के लायकत नहीं माना जा रहा है.
ये भी पढ़ें- ऑटोमैटिक कार ड्राइव करते वक्त कभी न करें ये गलती, हो सकती है भारी मुसीबत
दरअसल टेस्ट के दौरान दोनो कंपनियों को वाहन एक चार्जिंग में 80-82 किमी का सफर भी तय नहीं कर पाए। इसी कारण से इन सभी वाहनों को खराब परफार्मेंस और कम रेंज का हवाला देकर इस्तेमाल के लायक मानने से इंकार कर दिया गया है।
ये भी पढ़ें-भारत में लॉन्च होगी 'पिकांटो', फीचर्स और लुक में लग्जरी कारों को भी देती है मात
आपको मालूम हो कि सरकार की तरफ से टाटा को टाटा टिगोर इलेक्ट्रिक व्हीकल की 350 यूनिट्स और महिंद्रा ई-वेरिटो की 150 यूनिट्स यूनिट का आर्डर मिला था। परफार्मेंस के अलावा इन वाहनों में कंपनियों ने जो बैटरी लगाई है उन्हें भी ग्लोबल स्टैडंर्ड से कम का पाया गया है। आपको मालूम हो कि इन वाहनों में 17-35 किलोवॉट की बैटरी लगाने की जरूरत होती है। इन कंपनियों ने अपनी गाड़ियों में 17 किलोवॉट की बैटरी लगाई हैं जो कि मानक की मिनिमम रिक्वायरमेंट है।
ये भी पढ़ें-बाइक में लगवाने जा रहे हैं चौड़े और मोटे टायर्स, जाने क्या हैं इसके फायदे और नुकसान
महिंद्रा और टाटा द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनो का पहला फ्लीट पिछले साल नवंबर तक सरकार को भेजना था, लेकिन यह दिसंबर तक टल गया। खबरों की मानें तो ये देरी इंफ्रास्ट्रकचर में कमी के कारण हुई है।EESL ने कुल 10 हजार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद की योजना बनाई थी, लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए यह योजना पूरी होती हुई नहीं दिख रही ।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2Kg6Pxp
No comments:
Post a Comment