नई दिल्ली। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड ( carbon dioxide ) के स्तर में बढ़ोतरी होने की वजह से खाद्य पदार्थो में उपस्थित पौष्टिकता की कमी होने लगी है। एक अध्ययन में अमरीका (amrica ) के हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने पाया है कि मानव गतिविधियों के कारण 2050 में कार्बन डाईऑक्साइड के स्तर में हो रही वृद्धि से दुनिया भर में 17.5 करोड़ लोगों में जिंक ( Zinc ) और 12.2 करोड़ लोगों में प्रोटीन की कमी हो सकती है। इसका सबसे ज्यादा असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ेगा।
बच्चों और महिलाओं में जिंक की कमी
‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ जर्नल में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि एक अरब से भी ज्यादा बच्चों और महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी पाई गई। इससे एनीमिया ( anemia )और कई तरह की अन्य बीमारियां होने का खतरा ज्यादा हो जाता है। शोधकर्ताओं की मानें तो शरीर में आयरन ( Iron ) और जिंक की कमी के कारण नुकसान उठाना पड़ सकता है।
2050 में लोगों में होगी प्रोटीन और आयरन की ज्यादा कमी
हमारे वातावरण ( enviorment ) में लगातार बदलाव हो रहा है, जिसके कारण लोगों के शरीर पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है। आने वाले समय में इससे खाने वाली चीजों में पोषक तत्वों कमी हो सकती है। शोध के अनुसार- 2050 में 50.2 करोड़ से ज्यादा महिलाओं और बच्चों में में प्रोटीन और आयरन की कमी हो सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार- दक्षिण एशिया, दक्षिणपूर्व एशिया, अफ्रीका और पश्चिम एशिया के अन्य देशों पर भी इसका विशेष प्रभाव देखने को मिल सकता है।
बिना पौष्टिकता के खा रहे हैं खाना
एक रिसर्च में पाया गया है कि भविष्य में कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर 550 पीपीएम तक पहुंच जाएगा। इससे दुनिया की 1.9 फीसदी आबादी को जिंक और 1.3 फीसद आबादी को प्रोटीन ( Protin ) की कमी से जूझना पड़ेगा। इतना ही नहीं आने वाली पीढ़ी को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। खान-पान, बढ़ रही वाहनों की संख्या और लगातार बदलते वातावरण के कारण खाने वाली चीजों में भी पौष्टिकता की कमी हो रही है।
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