नई दिल्ली । चीन और अमरीका (amrica ) की तरह धीरे-धीरे भारत में भी धरती पर ही नहीं बल्कि अंतरिक्ष (space ) में भी अपने देश की रक्षा के लिए सक्षम हो रहा है। जिसके चलते बीते दिनों "मिशन शक्ति " के तहत निगरानी रख रहे सैटेलाइट को पल भर में नष्ट कर दिया था। जिसके चलते दूसरे देश भी इस मिशन को देखते रह गए थे। इसके लिए बाहरी देश भारत के प्रति कई तरह से विरोध जाहिर कर रहे है।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एशले जे टेलिस,स्ट्रैटेजिक अफेयर्स के लिए टाटा चेयर और कार्नेजी एडॉमेंट फार इंटरनेशनल पीस के वरिष्ठ साथी ने बीते मंगलवार को कहा कि भारत का ASAT परीक्षण एक तरह से चीन के लिए ही था।
अमरीका के विशेषज्ञ दावा कर रहे हैं कि भारत के उपग्रह विरोधी मिसाइल के परिक्षण के चलते नई दिल्ली और बीजिंग के बीच स्पेश वार (space war ) होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि "मिशन शक्ति" के तहत जिस परीक्षण को भारत ने किया था। वो बीजिंग को लक्षित रखते हुए किया गया था।
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दरअसल, भारत ने परीक्षण से यह साबित कर दिया था कि भारतदेश एक लोकतांत्रिक देश है, वो अपनी सीमा और दायरा भली-भांति जानता है। भारत ने बताया कि एेसा करने का अर्थ सिर्फ अपनी आत्मरक्षा करना और विकास करना है। जिसके चलते किसी भी देश को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
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गौरतलब है कि भारत ने बीते 27 मार्च को अपने ही एक उपग्रह को उसकी कक्ष में अतंरिक्ष मिसाइल के जरिए खत्म कर दिया था। जिसके चलते भारत परिक्षण और तकनीकी विकास के मामले में चौथा स्थान हासिल करने वाला देश बन गया है, लेकिन इससे पहले इस तरह के परिक्षण करने की अथॉरटी तीन देशों को ही थी। जिसमें अमरिका,रुस और चीन शामिल है लेकिन अब भारत भी शामिल हो गया है। इस बीच अमरीका ने चीन को जवाब देते कहा है कि भारत ने सिर्फ स्पेश क्षमताओं को विकसित करने के लिए इस परिक्षण को कर रहा था।
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