नई दिल्ली। धरती से अक्सर उल्कापिंड (Asteroid) टकराते रहते हैं, लेकिन इनकी दूरी ज्यादा होने से पृथ्वी पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है। जैसे 29 अप्रैल को OR2 के गुजरने से कोई तबाही नहीं मची। लेकिन कई बार उल्कापिंड इतनी तेज गति से टकराते हैं जिसके चलते धरती (Earth) पर काफी बड़े गड्ढ़े बन जाते हैं। विज्ञान की भाषा में इन्हें क्रेटर्स कहते हैं। आज हम आपको दुनिया के पांच सबसे बड़े क्रेटर्स (Crater) के बारे में बताएंगे।
1.व्रेडेफोर्ट क्रेटर
पृथ्वी पर अब तक करीब 190 क्रेटर्स मौजूद हैं, जिन्हें वैज्ञानिकों ने उम्र के आधार पर बांटे हैं। दक्षिण अफ्रीका के फ्री स्टेट में मौजूद क्रेटर को दुनिया का करीब 200 करोड़ साल पुराना है. यह दुनिया का सबसे बड़ा और पुराना क्रेटर माना जाता है। इसका व्यास करीब 380 किलोमीटर का है। यूनेस्को ने इसे 2005 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया था। तब से इस पर कई लोगों ने शोध किया।
2.चिक्सूलुब क्रेटर
मेक्सिको के यूकाटन में स्थित क्रेटर को दूसरा सबसे बड़ा और पुराना माना जाता है।इसका व्यास करीब 300 किलोमीटर है। ये 6.50 करोड़ साल पुराना है। इसे डायनासोर के अंत का भी कारण माना जाता है।
3.सडबरी बेसिन
कनाडा के ओंटारियो में स्थित सडबरी बेसिन क्रेटर को भी काफी पुराना माना जाता है। कहा जाता है कि ये करीब 180 करोड़ साल पुराना गड्ढा है। इसका व्यास 130 किलोमीटर है। यह इतना विशाल है कि यह एक घाटी में तब्दील हो चुका है।
4.पोपीगई क्रेटर
रूस के सर्बिया इलाके में बने क्रेटर को पोपीगई के नाम से जाना जाता है। इसका व्यास 120 किलोमीटर है। कहा जाता है कि यहां दुनिया का सबसे बड़ा हीरों का भंडार है। यह गड्ढ़ा करीब 3.57 करोड़ साल पहले बना था।
5.लोनार क्रेटर
भारत के महाराष्ट्र में एक विशालकाय क्रेटर है। ये बुलढाणा जिले में मौजूद है। इसे लोनार क्रेटर कहते हैं। ये करीब 1.13 वर्ग किलोमीर क्षेत्रफल में फैला है। इसकी गहराई 490 फीट गहरा है। वहीं इसका व्यास करीब 1.80 किलोमीटर का है। ये इतना बड़ा है कि गड्ढ़ा झील में तब्दील हो गया है। ये क्रेटर 5.70 लाख साल पुराना है।
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